बवासीर , कफ - विकार , गाँठ -सूजन , मासिक विकार का अचूक औषधि है अमलतास ( Pudding pipe tree )
अमलतास के पेड़ के सारे भाग औषधि के काम आता है ।आयुर्वेद में इसका विस्तृत वर्णन है ।
अमलतास का पेड़ भारत के सभी भागो में पाया जाता है ।यह स्वयं से उगने वाला वृक्ष है पर अति गुणकारी होने के कारण लोग इसे अपने फुलवारी में भी लगाते है ।
अमलतास का पेड़ करीब 8 से 12 मिटर ऊंचा होता है ।इसकी अधिकतम मोटाई एक से सावा मित्र तक होता है ।इसके पत्ते हरे और अंडाकार होते है । इसके बृक्ष में पतझड़ से जून तक इसमें फूल आते है जिसमें पांच पंखुड़िया होती है ।इसके फूल के रंग पिले होते है ।इसके फल एक से दो फुट लम्बे होते है । इस फल के अंदर छोटे छोटे खाने होते है ।प्रत्येक खाने के अंदर 2 से 3 बिज होते है । इस खाने के अंदर चिपचिपा काल गुदा होता है ।यही गुदा गुदा मुख्यतः औषधि के काम आता है ।
इसके अनेको फायदे है ।
इसके मुख्य फायदे निम्न है ।
( 1 ) कब्ज - अमलतास के फल के अंदर के गूदे को रात में एक ग्लास पानी में फुलाकर रख दें । और सबेरे खाली पेट बिना कुछ खाये इस पानी को छान कर पिले । दो चार दिनों में पुरानी से पुरानी कब्ज ठीक हो जाती है ।
दूसरी बिधि - 10 ग्राम अमलतास के गूदे , 5 ग्राम बड़ी हरड़ के छिलके को लगभग 250 ग्राम पानी रखकर आग पर पकाये जब पक कर एक चौथाई रह जाय तो 8 से 10 ग्राम गुड़ मिलाकर हल्का गुनगुने ही पी जाए । इसके पीने के दो - तिन घण्टे के बाद ही एक दस्त होगा जिसमे पुराना मल निकल जाता है और पेट साफ़ हो जाता है ।और कब्ज ठीक हो जाता है ।
( 2 ) बवासीर - बवासीर में अमलतास के 10 ग्राम गुदा , बड़ी हरड़ 5 ग्राम , मुनक्का ( बिज निकाली हुई 10 ग्राम एक ग्लास पानी में पकाये । जब पक कर एक चौथाई रह जाय तो इसे छान कर हल्का गुनगुने सुबह शाम पी जाए । इसे सात दिनों के अंदर पुरानी से पुरानी कब्ज ठीक हो जाता है और साथ ही बावसिर के मसे छोटे होने लगते है ।और इस तरह धीरे धीरे बावसीर समाप्त हो जाता है ।
( 3 ) मासिक - विकार - : अमलतास के गुदा 20 ग्राम
सोंठ 10 ग्राम ,
निम् की छाल 5 ग्राम , ।
इन सबक कूट ले फिर इसमें 20 ग्राम मीठा मिलाकर 300 ग्राम पानी में पकाये जब पानी एक चौथाई रह जाए तो इसे आग से उतारकर छान ले ।और मासिक अवधि में इसे प्रतिदिन सुबह पीये ।इसके प्रयोग से मासिक खुलकर होगा और सभी तरह के मासिक विकार दूर हो जाएंगे ।
(4 ) कफ में -: 20 ग्राम अमलतास के गुदा और 20 ग्राम मिश्री को पीस कर चटनी बनाले और दिन में तीन चार बार चटनी की तरह चाटे ।इसे कुछ ही दिनों में फेफड़ो में जमा कफ पिघल कर आसानी से निकल जाता है ।
(5 ) गाँठ या सूजन में - अमलतास के गुदा 30 ग्राम , कपूर 2 ग्राम , जौ के आटां 30 ग्राम को तीसी के तेल में मिलाकर इसे गर्म करके किसी कपड़े पर फैलाकर गाँठ या सूजन पर बांधे ।कुछ ही दिनों में गाँठ बैठ जाएगा या पक कर बह जाएगा ।
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