आँवला (indian goose berry )के गुण - पौरुष बल बढ़ाता है आँवला
आँवला इस धरती का अमृत फल है । आँवला एक ऐसा फल है जिसके हजारो गुण है ।यह लगभग पुरे विश्व में कहीँ कम तो कहीं बहुतायत मात्रा में पाया जाता है । आँवला को संस्कृत में धात्री फल , आमलकी ।हिंदी में - आँवला , आमला । बंगाली में - अम्ला । फ़ारसी में - आमलह ।अरबी में - आमलज । लैटिन में - एम्बेलिक आफिसिनेलिस के नामो से जाना जाता है ।
आँवला का पेड़ मध्यम अकार का अनेक शाखाओं वाला होता है ।इसके पत्ते हरे और यह इमली के पत्ते की तरह होता है । यह बसन्त ऋतू में हराभरा हो जाता है और इसमें पिले रंग के फूल आते है । जुलाई -अगस्त में इस पर पीलापन लिये हुऐ हरे रंग के गोल चिकने फल आते है ।जिन पर छः धारिया होती है । इसकी गुठली कड़ी होती है ।इसका स्वाद कषाय और खट्टा होता है ।
यह कषाय , हल्का , शीतल , खट्टा , मधुर , त्रिदोष नाशक , दीपन , वीर्यवर्द्धक , रेचक , दाहनाशक , और जवानी को स्थिर रखनेवाले होते है । इसमें विटामिन c भरपूर मात्रा में पाये जाते है ।जो आँवले के सूखने या उबालने पर भी नष्ट नही होता है । आयुर्वेद में इसका बहुत सम्मान है और इसके हजारो फायदे का वर्णन है ।
वैसे तो आँवले के हजारो फायदे है । इनके प्रयोग से हजारो रोगों का सफल इलाज किया जाता है । आँवले के फल एवं पत्ती दोनों ही लाभकारी होते है ।इसके कुछ निम्न फायदे का वर्णन करता हूँ जो इस प्रकार है ।
प्रयोग विधि :-
( 1 ) खुनी पेचिश - 2 ग्राम आँवले के पत्ती कोपिस कर इसमें जरा सी गुड़ मिला कर प्रतिदिन दो तीन बार चाटे इसे कुछ ही दिनों में खुनी पेचिश जड़ से समाप्त हो जायेगी ।
( 2 )हाथ - पैरो में जलन - शाम को आँवला को कुचल कर पानी में भिगो दे । अगले दिन इसे हाथ पैर तीन - चार बार धोये । साथ ही आँवले के चूर्ण को थोड़े से शहद मिलाकर सुबह शाम चाटे । कुछ ही दिनों में हाथ पैरो का जलन समाप्त हो जाएगा ।
( 3 ) पित्त की दाह और गर्मी -आँवले की चटनी बनाकर चाटने या शिकंजी पिने से पित्त दाह और गर्मी नष्ट हो जाती है ।
( 3 ) लू और गर्मी से बचाव - गर्मियों के दिनों में सुबह शाम आँवले का एक एक मुरब्बा खाये पुरे गर्मी के मौसम में इसे खाये । इसे लू से बचाव होता ही है साथ ही दिमाग ठंडा रखता है ।
( 4 ) दांत निकलते समय - जिन बच्चों को दांत निकलने को है उन बच्चों के मसूढ़ों पर आँवले के रस दिन में दो तीन बार मल दे इसे दांत बिना परेशानी के निकल जायेगे ।
( 5 ) स्वप्नदोष - सूखे आँवले के चूर्ण 100 ग्राम , चीनी या मिश्री 200 ग्राम इन्हें मिलाकर रखले ।प्रत्येक दिन सुबह बिना कुछ खाये एक छोटी चम्मच चूर्ण खाकर पानी पि ले ।पन्द्रह बिस दिनों में स्वप्न दोष आना बन्द हो जाएगा ।
( 6 ) पुरषो में शारीरि ताकत और मर्दानी ताकत बढ़ाने के लिये -
* सोंठ - 50 ग्राम
*असगन्ध -150 ग्राम
* गठली रहित आँवले का चूर्ण - 200 ग्राम
* मिश्री - 200 ग्राम ।
इन सबको कूट पीस कर छान ले । प्रतिदिन दो से चार चम्मच चूर्ण सुबह शाम खा कर पानी या दूध पी ले । इसे प्रमेह प्रदर , कमर दर्द , सुस्ती दूर करके , वीर्य ताकत , पौरुष बल , शारीरिक ताकत , बुद्दि और स्फूर्ति बढ़ाता है । इसे दिमागी काम करने वाले जरूर खाये । इसके सेवन से बाल चमकीले होते है ।बाल झड़ना रुक जाता है । बाल धीरे धीरे काले होजाते है ।
नोट - 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे इस चूर्ण को न खाये ।
आँवले को आयुर्वेद में अमृत फल के नाम से जाना जाता है ।आँवले को देव फल भी कहते है ।
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