आयुर्वेद अपनाये रोग भगायें

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कुष्ट रोग ( कोढ़ ) का नीम के प्रयोग से अचूक ईलाज ।

कुष्ट रोग ( कोढ़ ) का नीम के प्रयोग से अचूक ईलाज ।


नीम का पानी पीया जाय तो कुष्ठ रोग पास फटक नही सकता है ।आज भारत में लगभग तीस लाख से अधिक व्यक्ति कुष्ठ रोग से ग्रसित है ।ये लोग जब एलोपैथिक दवा करके हार गए उन्हें कुछ फायदा नही हुआ वे नीम का सहारा लिए और वे कुष्ठ रोग से निजात पा गए ।जिन लोगो को कुष्ट रोगों का शिकायत है उन्हें नीम का भपका - जल सेवन करना तथा कुष्ठ जनित अंगो पर लगाना चाहिये । चरक , सुश्रुत आदि आयुर्वेद के शाश्त्रो निम् को कुष्ठ रोग नाशक औषधि बताया है ।आज हजारो बैज्ञानिक निम पर तरह तरह के परीक्षण कर रहे है ताकि उनके हाथ कोई अनमोल मोती लग जाय और वे मानव जाती का उपकार कर सके । नीम का पानी रोज पिने से पेट का कीड़ा मर जाता है ।आज बैज्ञानिक मानने लगे है की निम् के जड़ से लेकर फुनगी तक अनमोल है ।
         
             कुष्ठ रोग को पहले छूत का रोग मानते थे पर आज साबित हो गया है कि कुष्ठ रोग छूत का रोग नही है ।यह त्वचा पर अपरजीवी जीवाणु के कारण होता है । कोढ़ का लक्ष्ण दिखाई देते ही रोगी को निम्नलिखित प्रयोग करनी चाहिए ।

 प्रयोग विधि :-

( 1 ) नीम के तेल से शरीर को मालिस करे ।

( 2 ) नीम के पत्ती के रस एक चम्मच प्रतिदिन सुबह ले ।

( 3 ) नीम के फूल को शहद के साथ चटनी की तरह चाटे ।

( 4 ) नीम की हरी सींकों को जलाकर उनकी राखो को नीम के तेल में मिलाकर कोढ़ वाले स्थान पर लगावे ।

( 5 ) नीम के फूल को पीसकर शर्बत में डालकर पिले ।इसे लगभग एक दो माह तक पिने से कोढ़ ठीक होने लगता है ।

( 6 ) नीम के गोंद को आंच पर पिघला ले । फिर इसे नीम की पत्तियो के रस में मिलाकर कोढ़ पर मिलाएं ।

( 7 ) नीम के पानी में रोज दो घण्टे तक हाथ पाँव को भिगोये रखे ।कुछ ही दिनों में कोढ़ ठीक होने लगेगा ।

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