आयुर्वेद अपनाये रोग भगायें

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कब्ज , पेचिश , वायु- विकार , स्तन -रोग , यौनांगों में दर्द , जोड़ो में दर्द आदि में अरण्डी ( एरण्ड ) castor का तेल बहुत ही कारगर औषधि है ।


कब्ज , पेचिश , वायु- विकार , स्तन -रोग , यौनांगों में दर्द , जोड़ो में दर्द आदि में अरण्डी ( एरण्ड ) castor का तेल बहुत ही कारगर औषधि है ।


 अरण्डी पुरे भारत में पाया जाता है ।समशीतोष्ण और उष्ण कटिबन्ध जलवायु वाले स्थान पर विशेष रूप से मिलता है । इसे भिन्न भिन्न भाषाओ में अलग अलग नामो से जाना जाता है ।संस्कृत में - एरण्ड , पंचगुल । हिंदी में - अरण्डी , अंडी , रेंडी । मराठी में - धोली एरण्डो । बंगाली - भरेंडा आदि नामो से जाना जाता है । अरण्डी के पेड़ लगभग 10 से 15 फुट ऊँची होती है । इसके पत्ते गोल , 6 से 7 भागो में बीते हुये तथा स्वेताभ् हरे होते है ।इस पर केसरी - पिले या लाल - बैगनी फूल आते है ।इसके फल कंटीले , हरे गुच्छो में और कठोर परत वाले तिन बीजो से युक्त होते है ।यह लाल और सफेद दो प्रकार के होता है ।

अरण्डी के गुण :- यह कृमि नाशक , कफ नाशक , वीर्यवर्द्धक , गर्भाशय शुद्दिकर्ता कब्ज , बावासीर , भगन्दर आदि अनेको रोग में इसका तेल बहुत ही उपयोगी होता है । 

 ( 1 ) कब्ज -एक ग्लास दूध में एक चम्मच अरण्डी के तेल मिलाकर रात को सोने से पहले पिले ।इसे सुबह खुल कर मल्ल त्याग होगा । जरूरत पड़े तो इसे तीन - चार दिन ले । 

 ( 2 ) पेचिश :-खुनी और आंव दोनों तरह के पेचिश में एरण्ड का तेल 2 से 3 छोटे चम्मच ले ।इसे पेचिश में आराम मिलता है । 

 ( 3 ) वायु - विकार : -सोंठ 5 ग्राम , एरण्ड की जड़ 10 ग्राम इन दिनो को मोटा कूट कर और 200 ग्राम पानी में उबाले जब एक चौथाई रह जाए तो तो इसमें थोड़ी सी गुड़ मिलाकर पिये ।कुछ दिनों तक प्रतिदिन 2 बार ले ।इस प्रयोग से कमर दर्द , सर्वांग वात- वेदना , आमवात , उदरवात आदि में बहुत ही लाभ होता है । 

 ( 4 ) जोड़ो में दर्द :- कहीँ के भी जोड़ो के दर्द में अरण्डी ( रेंडी ) के पत्ता पर सर्सो के तेल लगाकर आग पर गर्म कर कपड़ा से जहां दर्द हो वहा बाँध दे ।कुछ दिनों के प्रयोग से जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता है । 

 ( 5 ) स्तन - रोग :-यदि स्तन की घुंडी फट गई हो तो उसपर अरण्डी का तेल लगाये । दो से चार दिनों में ठीक हो जाएगा । स्तन में सूजन हो गया हो तो उस पर अरण्डी के पत्ते पर अरण्डी के ही तेल लगाकर बंका गर्म करकर अच्छी तरह से कपड़े के सहयोग से बाँध दे । इसे स्तन के सूजन में बहुत ही लाभ होता है ।

( 6 ) यौनांग में दर्द - स्त्रियों के यौनांग में दर्द हो तो अरण्डी के तेल को रुई में भिगोकर यौनांग के अंदर कुछ देर तक रखे । इसे यौनांग के दर्द दूर हो जाता है ।

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