आयुर्वेद अपनाये रोग भगायें

Breaking News
recent

अलसी के सेवन से सेक्स समस्या का समाधान

अलसी यानी तीसी से सेक्स समस्या का निदान


     सेक्स से जुड़े सारे समस्याओं का हल अलसी जिसे भारत में तीसी के रूप में जाना जाता है । जिसकी खेती भारत के सभी राज्यों में होती है । आपकी सेक्स सम्बंधी सारी समस्याएं अलसी खा कर ही सही हो जाएँगी ।क्योंकि अलसी आधुनिक युग में शीघ्रस्खलन, दुर्बल कामेच्छा, बांझपन, गर्भपात की महान औषधि है। पुरुष रोगो में कैसे करती हैं अलसी काम। तीसी के सेवन से आप और आपके जीवनसाथी की त्वचा को आकर्षक, कोमल, और नम बना देती है । आपके केश काले, घने, मजबूत और चमकदार हो जायेंगे। तीसी आपकी देह को ऊर्जावान और बलवान और मांसल बना देती है । शरीर में चुस्ती-फुर्ती बनी गहेगी, न क्रोध आयेगा और न कभी थकावट होगी। मन शांत, सकारात्मक और दिव्य हो जायेगा। अलसी यानि तीसी में अनेको प्रकार के विटामिन पाये जाते है ।तीसी में विद्यमान ओमेगा-3 फैट, जिंक और मेगनीशियम से आपके शरीर में पर्याप्त मात्र में टेस्टोस्टिरोन हार्मोन और उत्कृष्ट श्रेणी के फेरोमोन ( आकर्षण के हार्मोन) स्रावित होंगे। टेस्टोस्टिरोन से आपकी कामेच्छा चरम स्तर पर होगी।

तीसी (अलसी ) में विद्यमान ओमेगा-3 फैट, आर्जिनीन एवं लिगनेन जननेन्द्रियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं, जिससे शक्तिशाली स्तंभन तो होता ही है साथ ही उत्कृष्ट और गतिशील शुक्राणुओं का निर्माण होता है। इसके अलावा ये शिथिल पड़ी क्षतिग्रस्त नाड़ियों का कायाकल्प करते हैं जिससे सूचनाओं एवं संवेदनाओं का प्रवाह दुरुस्त हो जाता है।

नाड़ियों को स्वस्थ रखने में तीसी (अलसी ) में विद्यमान लेसीथिन, विटामिन बी ग्रुप, बीटा केरोटीन, फोलेट, कॉपर आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ओमेगा-3 फैट के अलावा सेलेनियम और जिंक प्रोस्टेट के रखरखाव, स्खलन पर नियंत्रण, टेस्टोस्टिरोन और शुक्राणुओं के निर्माण के लिए बहुत आवश्यक हैं। कुछ वैज्ञानिकों के मतानुसार अलसी लिंग की लंबाई और मोटाई भी बढ़ाती है।

     आपने देखा कि अलसी के सेवन से जब तक मन न भरे सम्भोग का दौर लगातार चलता रहता है देह के सारे चक्र खुल जाते हैं, पूरे शरीर में दैविक ऊर्जा का प्रवाह होता है थकावट का नामोनिशान तक नही होता ।

अलसी सेवन का बिधि -

----------------

(1)हमें प्रतिदिन 30 – 60 ग्राम अलसी का सेवन करना चाहिये। 30 ग्राम आदर्श मात्रा है। इसे प्रतिदिन मिक्सी ग्राइंडर में पीसकर आटे में मिलाकर रोटी, पराँठा आदि बनाकर खाना चाहिये। डायबिटीज के मरीज सुबह शाम तीसी (अलसी ) की रोटी खायें। तीसी के लड्डू , चट्नी भी बनाया जाता है ।

अगर इसको पीस कर रखे तो इसको सात दिन के अंदर सेवन कर ले अन्यथा इसके गुण खत्म हो जाते हैं।

(2) इसके बीजो को भून कर रखिये और कभी भी खाइये।

(3) अलसी को सूखी कढ़ाई में डालिये, रोस्ट कीजिये (अलसी रोस्ट करते समय चट चट की आवाज करती है) और मिक्सी से पीस लीजिये. इन्हें थोड़े दरदरे पीसिये, एकदम बारीक मत कीजिये. भोजन के बाद सौंफ की तरह इसे खाया जा सकता है .

   लाभ :-अलसी बांझपन, पुरूषहीनता, शीघ्रस्खलन व स्थम्भन दोष में बहुत लाभदायक है।लिगनेन वनस्पति जगत में पाये जाने वाला एक उभरता हुआ सात सितारा पोषक तत्व है जो स्त्री हार्मोन ईस्ट्रोजन का वानस्पतिक प्रतिरूप है और नारी जीवन की विभिन्न अवस्थाओं जैसे रजस्वला, गर्भावस्था, प्रसव, मातृत्व और रजोनिवृत्ति में विभिन्न हार्मोन्स् का समुचित संतुलन रखता है। लिगनेन मासिकधर्म को नियमित और संतुलित रखता है। लिगनेन रजोनिवृत्ति जनित-कष्ट और अभ्यस्त गर्भपात का प्राकृतिक उपचार है। लिगनेन दुग्धवर्धक है। लिगनेन स्तन, बच्चेदानी, आंत, प्रोस्टेट, त्वचा व अन्य सभी कैंसर, एड्स, स्वाइन फ्लू तथा एंलार्ज प्रोस्टेट आदि बीमारियों से बचाव व उपचार करता है।


       सेक्स संबन्धी समस्याओं के अन्य सभी उपचारों से सर्वश्रेष्ठ और सुरक्षित है अलसी। बस 30 ग्राम रोज लेनी है। गर्मियों में इसका सेवन थोड़ा कम करना चाहिए और पानी अधिक पीना चाहिए। नहीं तो गर्मी की वजह से घमोरियां आदि हो सकती हैं।

अलसी यानि तीसी को रामबाण भी कहा जाता है ।

अलसी एक फायदे आनेक



कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.